पीपल के पेड़ पर दीपक कब जलाना चाहिए 99% लोग नहीं जानते ये उपाय।

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको यह बताएंगे कि पीपल के पेड़ पर दीपक कब जलाना चाहिए? भारतीय संस्कृति में पीपल का पेड़ एक बहुत महत्वपूर्ण पेड़ है। इसे हिंदू धर्म में इस पेड़ से महत्वपूर्ण धार्मिक आस्थाएं जुड़ी हुई है इस पेड़ के नीचे बैठकर, प्रार्थना करके और दीप जलाकर लोग अपनी प्रार्थना करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि पीपल के पेड़ पर दीपक कब जलाना चाहिए और पीपल के पेड़ पर दीपक जलाने से क्या फायदे होते हैं?

क्यों जलाएं पीपल के पेड़ पर दीपक – लाभ

दोस्तों पीपल एक ऐसा पौधा है जिसकी पूजा से बहुत ही चमत्कारी और बहुत ही शीघ्र लाभ माना गया है। आईए जानते हैं कि पीपल पर दीपक जलाने के क्या लाभ हैं-

  • यदि कोई व्यक्ति बहुत समय से बीमार है और वो पीपल में जल अर्पित करता हैं तो बहुत ही शीघ्र उसे उसकी दवाइयों का लाभ मिलता है।
  • यदि आप आर्थिक, मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक रूप से परेशान हैं, तनाव और चिंता में रहते हैं और ऐसी किसी भी प्रकार कि आपकी परेशानी हो तो आप पीपल कि पूजा कर सकते हैं यानि दीपक जला सकते हैं।
  • बहुत ही प्रसन्न होते हैं जो लोग पीपल कि नियमित पूजा करते हैं।
  • शस्त्रों कि मानें तो पीपल के वृक्ष पर 33 कोटी देवी देवता वास करते हैं यह वृक्ष श्री हरी विष्णु, भगवान शंकर और माता लक्ष्मी आदि के निवास स्थान है इसलिए इसकि पूजा करने से आपको सभी देवी देवताओं के लाभ अवश्य ही मिलेंगे।
  • पीपल के वृक्ष में पितरों का वास भी होता है इसलिए हमें इसकि पूजा से अपने पूर्वजों का आशीर्वाद भी मिल जाता है।
  • सूर्योदय के बाद ही पीपल की पूजा करें, जिससे महालक्ष्मी प्रसन्न होकर हमेशा आपके साथ रहेंगी।
पीपल के पेड़ पर दीपक कब जलाना चाहिए

पीपल के पेड़ पर दीपक कब जलाना चाहिए

  • पीपल के पेड़ के नीचे प्रत्येक शनिवार को सरसों के तेल से दीपक जालना चाहिए और इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शाम का मतलब है जब सूर्यास्त हो रहा हो।
  • रविवार के दिन पीपल के पेड़ कि पूजा नहीं करनी चाहिए इससे आपको दरिद्रता का सामना करना पड़ सकता है।
  • सूर्यास्त के बाद किसी भी दिन पीपल के वृक्ष कि पूजा नहीं करनी चाहिए।
  • अमावस्या और शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे हनुमान जी की पूजा करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • प्रात: काल पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर जप, तप और भगवान के नाम का जाप करने से जीव को शारीरिक और मानसिक लाभ होता है।
  • पीपल के पेड़ के नीचे प्रतिदिन सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ होता है, लेकिन यदि किसी कारण से संभव न हो तो शनिवार की शाम को पीपल की जड़ का दीपक जलाएं क्योंकि इससे घर में सुख-समृद्धि और समृद्धि आती है।
  • तांबे के पात्र में जल भरकर भगवान विष्णु के अष्टभुजा स्वरूप का स्मरण करते हुए पीपल के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाना चाहिए।
  • नियमानुसार वृक्ष की पांच परिक्रमा करनी चाहिए। जो लोग पीपल के पेड़ को लगाते हैं, उनके पितर नरक से मुक्त हो जाते हैं और मोक्ष प्राप्त करते हैं।

क्या न करें

  • शास्त्रों के अनुसार शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर लक्ष्मी जी का वास माना जाता है और जहां उस दिन जल चढ़ाना श्रेष्ठ होता है वहीं रविवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना वर्जित होता है।
  • शास्त्रों के अनुसार रविवार के दिन पीपल पर जल चढ़ाने से जीवों को दरिद्रता की प्राप्ति होती है। पीपल के पेड़ को कभी नहीं काटना चाहिए। ऐसा करने से पितरों को कष्ट होता है और संतान की हानि होती है।
  • किसी विशेष प्रयोजन के लिए, विधिपूर्वक पूजा करने के लिए तथा यज्ञ आदि पवित्र कार्यों के लिए पीपल की लकड़ी काटने पर कोई दोष नहीं लगता।
  • अक्सर लोग ब्रह्ममुहूर्त में मंदिर जाते हैं, जो शुभ होता है, लेकिन मंदिर में जाकर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना नहीं चाहिए क्योंकि उस समय वहां अलक्ष्मी का वास होता है।

पीपल के वृक्ष कि कथा

भगवान शिव के अवतार माने जाने वाले ऋषि पिप्लाद के माता-पिता का बचपन में ही निधन हो गया था। बड़े होने पर जब पिप्लाद को पता चला कि शनि की दशा के कारण उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई है तो उन्होंने शनिदेव को सबक सिखाने के लिए घोर तपस्या की। इस दौरान उन्होंने शनिदेव को पीपल के पेड़ पर बैठे देखा और फिर उन्हें ब्रह्मदंड से मारा।

पीपल के पेड़ पर दीपक कब जलाना चाहिए

इससे शनि के दोनों पैर टूट गए। दुखी होकर शनिदेव ने भगवान शिव को पुकारा, तब भगवान शिव प्रकट हुए और उन्होंने पिप्लाद के क्रोध को शांत किया और शनिदेव की जान बचाई। तभी से शनिदेव को पिप्लाद का भय सताने लगा। माना जाता है कि पिप्लाद का जन्म पीपल के पेड़ के नीचे हुआ था और उन्होंने पीपल के पत्ते खाकर तपस्या की थी। इसलिए जो व्यक्ति शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करता है, उस पर पिप्लाद ऋषि की कृपा होती है और शनिदेव उसे कष्ट नहीं देते।

पीपल में दीपक सुबह कितने बजे जलाना चाहिए?

पीपल के पेड़ पर सूर्योदय के बाद ही जल चढ़ाना चाहिए। ताकि मां लक्ष्मी की कृपा आप पर हमेशा बनी रहे।

पीपल के पेड़ की पूजा कब और कैसे करनी चाहिए?

पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने के बाद ही उसकी परिक्रमा करें। क्योंकि पीपल पानी डालने के तुरंत बाद ज्यादा ऑक्सीजन देता है साथ ही कुएं के पास उगने वाला पीपल आज भी शुभ माना जाता है।

पीपल में पानी कब नहीं डालना चाहिए?

सूर्योदय से पहले पीपल की पूजा नहीं करनी चाहिए और रविवार के दिन पीपल पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए या उसकी पूजा नहीं करनी चाहिए।

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