मकर संक्रांति पर देश के कई शहरों में पतंग उड़ाने की परंपरा है. इसी परंपरा के कारण मकर संक्रांति को पतंग उत्सव भी कहा जाता है। मकर संक्रांति के मौके पर बाजारों को रंग-बिरंगी पतंगों से सजाया जाता है। लोग दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ पतंग उड़ाने का आनंद लेते हैं। आइए जानते हैं मकर संक्रांति पर हम पतंग क्यों उड़ाते हैं?
Why Do We Fly Kites On Makar Sankranti in Hindi?
ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्री राम के समय में शुरू हुई थी। तमिल के तंदनारामयण के अनुसार मकर संक्रांति के दिन श्री राम ने पतंग उड़ाई थी और वह पतंग इंद्रलोक को चली गई थी। भगवान राम द्वारा शुरू की गई इस परंपरा का आज भी पालन किया जाता है।
मकर संक्रांति के इस पर्व से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है क्योंकि मकर संक्रांति के दिन से ही सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगता है. ऐसे में शुभता की शुरुआत का जश्न मनाने के लिए पतंगों का इस्तेमाल किया जाता है। वैसे भी पतंग को शुभता, स्वतंत्रता और खुशी का प्रतीक माना जाता है।
वहीं अगर वैज्ञानिक कारणों की बात करें तो पतंग उड़ाने का संबंध सेहत से है। क्योंकि पतंग उड़ाने से कई एक्सरसाइज एक साथ की जाती हैं। सर्दियों की सुबह पतंग उड़ाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और त्वचा संबंधी विकार दूर होते हैं।