मालपुआ / Malpua एक और पारंपरिक भारतीय मिठाई है। मालपुआ महाराष्ट्र, बांग्लादेश, गुजरात, बिहार, भुवनेश्वर, राजस्थान, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और नेपाल में लोकप्रिय है। मालपुआ को पहले अपुपा कहा जाता था। ऋग्वेद में भी इसका उल्लेख है। आप इसे स्वीट पैन केक भी कह सकते हैं। इसे ज्यादातर होली या दिवाली जैसे त्योहारों के दौरान बनाया जाता है। इसे रबड़ी के साथ परोसा जा सकता है, या कुछ सूखे मेवों से सजाया जा सकता है। इसका स्वाद बस लाजवाब है। आप इस रेसिपी को घर पर ट्राई कर सकते हैं और हमें कमेंट करके बता सकते हैं।
मालपुआ बनाने की सामग्री: Malpua ingredients Hindi
• 250 ग्राम खोया / मावा
• 1 कप मैदा
• 1 कप दूध
• 1 कप चीनी
• 1/2 कप पानी
• इलायची पाउडर
• तलने के लिए तेल
मालपुआ बनाने की विधि: Malpua Banane Ki Vidhi Hindi
– खोये को बारीक कद्दूकस कर लीजिये।
– मैदा को किसी बर्तन में छान लीजिये और दूध डाल दीजिये।
– अच्छी तरह मिला लें, ध्यान रहे कि मैदे की कोई गांठ न बने।
– कद्दूकस किया हुआ खोआ डालें और सभी चीजों को अच्छी तरह मिला कर चिकना घोल बना लें।
– यदि आपको लगता है कि मिश्रण बहुत गाढ़ा है तो आप 2-3 टीस्पून दूध और मिला सकते हैं।
– चाशनी बनाने के लिए एक पैन में चीनी लें और उसमें पानी, इलाइची पाउडर डाल दें।
– इलाइची पाउडर की जगह छिलके वाली इलाइची डाल सकते है ताकि चाशनी का रंग ना बदले।
– अच्छी तरह मिलाएं और चीनी को तेज आंच पर पिघलने दें।
– जब चीनी पिघल जाए और मिश्रण अच्छी तरह उबल जाए तो आंच को कम कर दें और 4-5 मिनट के लिए और उबाल लें।
– यह चाशनी गुलाबजाम की चाशनी की तरह होनी चाहिए।
– जब चाशनी थोड़ी चिपचिपी हो जाए तो गैस बंद कर दें।
– मालपुआ के लिए चाशनी तार वाली नहीं चाहिए।
– धीमी आंच पर तेल गरम करें और एक एक चम्मच घोल तेल में डालें।
– तेल ज्यादा गर्म नहीं होना चाहिए।
– मालपुआ को दोनों तरफ से अच्छे से सुनहरा होने तक तलें।
– जब निचली तरफ से भी सुनहरा रंग हो जाए तो इसे पलट दें और दूसरी तरफ से भी अच्छी तरह से फ्राई कर लें।
– जब दूसरी तरफ से भी अच्छा सुनहरा रंग आजाए तो मालपुआ को निकाल कर, अतिरिक्त तेल निकाल कर प्लेट में रख लीजिये।
– गरम मालपुआ को गरम चाशनी में डालिये और मालपुआ को दोनों तरफ से अच्छी तरह कोट कर लीजिये।
– 2-3 मिनट के बाद मालपुआ को चाशनी से निकाल कर प्लेट में निकालिये और मालपुआ तैयार है।
मालपुआ बनाने की टिप्स: Malpua Recipe Tips Hindi
– दिए गए माप से आप लगभग 20-25 मध्यम आकार के मालपुआ बना सकते हैं।
– मालपुआ को आप 2-3 दिन तक स्टोर करके रख सकते हैं।
मालपुआ संबंधी कुछ पूछे गए सवाल: QNA
• मालपुआ का आविष्कार किसने किया?
– भारत के उत्तर और पूर्वी क्षेत्रों में लोकप्रिय, मालपुओं का इतिहास प्राचीन वैदिक काल से है।
• मालपुआ कितने प्रकार के बनते हैं?
– केले का मालपुआ, मावा मालपुआ, गेहूँ के आटे का मालपुआ, सूजी का मालपुआ, मैदा का मालपुआ और रबड़ी मालपुआ।